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नारियों का ज्यादा शिक्षित होना कितना लाभदायक है?

नारियों का ज्यादा शिक्षित होना कितना लाभदायक है?

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आबादी का 50% हिस्सा पुरुष जब पढ़ लिखकर कर तरक्की करते कोई ऊंचे पद ओहदे, व्यवसायआदि में अव्वल हो जाता है तब उसके बिजनेस को संभालने के लिए एक अव्वल दर्जे का मैनेजर की आवश्यकता होती है। आबादी का शेष 50% हिस्सा महिलाओं का होता है जो कुछ शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन 50 प्रतिशत पुरुष समाज की अर्धांगनी बनकर उनकी संपत्ति मान प्रतिष्ठा का संपूर्ण रूप से कब्जा कर लेती है और क्या फिर कहने ? कोई विदेशी कह रहा था कि उनके यहां महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधे मिलाकर काम करती हैं और उनके बराबर वेतन कमाती हैं और उनके बराबर का आय कमाया करती हैं। तब किसी भारतीय ने कहा था कि हमारे यहां की अधिकांश स्त्रियां बिना कंधे से कंधा लगाए केवल कमर से कमर लगाकर बिना कुछ किये ही आदमी के कमाई यानी तनख्वा का पूरी मालिक बन जाती है। जैसे आदमी ज्यादा कमाई करके अपने से कम पढ़ी-लिखी और बिना कमाई करने वाली महिला से विवाह करता है वैसी महिलाओं से अपेक्षा करना मुश्किल है ।वह हमेशा अपने से ज्यादा सक्षम कमाई रुतबे और ओहदे वाले को पसंद करते हुए नीचे देखना पसंद नहीं करती ।

इसलिए यदि ओशो ने कहा है की स्त्रियों को हम केवल इसलिए शिक्षित कर रहे हैं कि वह पुरुषों की आन बान शान बने तो अब यह गलत बात है। अब महिलाओं को भी भारत सरकार शिक्षा का बराबर अवसर दे रही है और कई महिलाएं तो केवल अच्छे सरकारी संपन्न और धनी मनी पुरुषों के इंतजार में लंबी उम्र तक कुंवारी बनी है ।बड़े-बड़े फिल्मी सितारे सेलिब्रिटी भी शिक्षा दीक्षा को दर किनार करते हुए केवल आर्थिक सुरक्षा को ही आधार बनाकर अपने जीवनसाथी का चयन कर रही हैं। इसलिए ऐसा कहना कि स्त्रियों को शिक्षित करने से अब कोई रोक रहा है तर्कसंगत नहीं लगता ।ओशो की यह बातें आज से 50 साल पहले प्रासंगिक रही होगी पर अब समय बदल चुका है और 90% कन्याएं महिलाएं क्या गांव क्या शहर क्या महासागर सभी और शिक्षित हो रही है ।इसलिए नहीं कि उन्हें अच्छा घर मिले बल्कि इसलिए कि उन्हें अच्छी नौकरी मिले और फिर उसके बाद वह अपने से बराबर फिजिकल स्वरूप के जीवन साथी के साथ-साथ अपने सुखद जीवन का नीव डाल सके।

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