पानी रे पानी तेरा रंग कैसा,
जिसने भी पी लिया उसका मूत्र कैसा ?
स्वर्गीय मोरारजी देसाई कहते थे व्यक्ति को उनकी स्व मूत्र चिकित्सा के द्वारा बहुत लाभ हो सकता है अगर इस प्रकार की पानी की उपलब्धता उन्हे उनके जीते जी पहले मिल जाती तो वह ₹3000 से ₹100 तक के प्रति बोतल मिलने वाले पानी से वे और हमारे रामदेव महाराज और पूज्य आसाराम जी के साथ मिलकर और कुछ नया आविष्कार कर सकते थे की अमुक बोतल का पानी पीने के बाद यदि उसका स्वमूत्र चिकित्सा किया जाए तो वह गुर्दे के स्टोन हटाने के काम आएगा किडनी के शुद्धि करण के काम आएगा ,शुगर हटाने के काम आएगा ,बीपी हटाने के काम आएगा आदि आदि और शुरू हो जाता है इस प्रकार पानी के खेल में दवाई की रेलम पेल।
क्या दिखावा है ..पानी को साफ करके उसमें नए-नए प्रकार के लवण और मिनरल मिलकर बेचने की कला अपने से दूसरे को छोटा दिखाने वाला स्वयं को विशिष्ट बताने और दिखाने की यह अंदाज क्या यह बता सकती है कि मनुष्य के शरीर से गुजरने के बाद यह पानी किस रूप में उपलब्ध होते होंगे ? जिनके शरीर में बहुत ज्यादा टॉक्सिक हो जाते हैं वह अपने शरीर को डिटॉक्सिफाई करने के लिए विशेष प्रकार के जूस द्रव्य या पानी का उपयोग करते हैं। शायद इसी क्रम में अनेक प्रकार की सेलिब्रिटी अपनी अलग-अलग प्रकार के ब्रांड की महंगी से महंगी और विशेष प्रकार के दिखाए वाले पोर्टल के पानी पीते हैं ।अगर इनका बस चले तो ये ऑक्सीजन के सिलेंडर भी लटका कर घूमने लगे की हमारी हवा सबसे ज्यादा साफ और स्वास्थ्यवर्धक है दूसरे जो ले रहे हैं वह कीड़े मकोड़े जैसे जीवन जीने वाले लोगों के लिए है।
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