
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
प्यार सब कुछ नहीं जिंदगी के लिए
प्यार से भी बढ़कर कई काम है
प्यार सब कुछ नहीं जिंदगी के लिए
जब पेट भर जाता है तब पेट के नीचे का ख्याल आता है ।भरे पेट वाले लोग कहते हैं दो रोटी कम खिलाने वाला जीवनसाथी चुन लो लेकिन दो रोटी ज्यादा खिलाने वाला जीवनसाथी मत चुनो।क्यों की खा खा के पेट बढ़ जाता है और फिर बाकी दूसरा काम मजे से नहीं हो सकता। जीवन में कुछ मजे खोजते हैं तो कुछ सुरक्षा खोजते हैं।यह जीवन एक व्यापार है जिसका जो खरीदार होता है उसकी नजर उस वस्तु पर होती है। किसी को लगता है की शारीरिक सुख जिसे मिलता है वह दुनिया में बड़ा सुखी है और किसी को लगता है की जीवन में जो चीज पर उंगली रख दें वह उसे खरीद कर घर ला सके ऐसा संबंध और जीवन साथी मिले तो उसकी दुनिया सुखी हो जाए ।पर सब कुछ व्यर्थ है ।जीवन में जिस समय पर जो चीज चाहिए अगर वह उसे समय मिल जाती है तो उसकी कीमत होती है और जो चीज समय पर नहीं मिल पाती वह लोगों को हमेशा बेकार लगती है निंदनीय लगती है ।परंतु हमेशा ऐसा नहीं होता है। आजकल ज्यादा पढ़ाई लिखाई अच्छा पद अच्छी कॉलेज अच्छी नौकरी अच्छा व्यापार और सुरक्षित जीवन पाने के ललक में पुरुष भी स्वयं को ढीला पोला रख लेता है ।जिसका अंजाम उसे शादी के बाद देखने को मिलता है ।जबकि मर्द और घोड़े की खुराक अगर सही रहे तो 70 साल तक बूढ़ा नहीं होता ऐसा सभी कहते हैं ।मगर जिन लोगों के पास केवल करियर बनाने के लिए और कुछ नहीं दिखता हुआ सब कुछ त्याग कर एक तपस्वी की तरह मंजिल तो पा लेते हैं लेकिन उनकी मर्सिडीज़ गाड़ी को चलाने के लिए फिर उन्हें ड्राइवर ही रखना पड़ता है ।यह जीवन का सार है ।पर कथा कार ने अपने वैवाहिक जीवन को सुखी रखना के लिए भले ही साइकिल के दो चक्के हो पर अच्छे हो के बजाय ट्रैक्टर के चक्के होने का संदेश देने का प्रयास किया है।
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