रोशन तुम्ही से दुनिया..... तुम साला मत रहो

दिन गुजरते गये ,इसमें गंदी राजनीति घुसती गई कि पांच साल आएगा  तब इस गरीब की भौजाई जो सारे नेताओं की लुगाई होगी और चाहे जैसे इसका मर्दन किया जाएगा। चाहे जैसे  इसे भरी सभा में जुए में हरे द्रौपदी की तरह खुले हाथ लोगों को निशुल्क परोस दिया जाएगा। जिससे धीरे-धीरे लोगों में बिजली को फ्री में पाने की और चुनावी साल में इसके बिल जमा नहीं करने की प्रथा बढ़ती गई ।

रोशन तुम्ही से दुनिया..... तुम साला मत रहो
Arrear recovery abhiyan

t4unews:-जमाना था जब बिजली विभाग विलासिता की चीज और स्टेटस सिंबल मानी जाती थी ।उस समय जिनके घर बिजली होती थी वह बहुत ही आदर की दृष्टि से देखे जाते रहे ।समय बदला और उसके बाद बिजली आम जन समुदाय से जुड़ गया। फिर भी इसका स्वरूप नहीं बदला लोग इज्जत से इसकी परवाह करते हैं की अगर कोई चीज विलासिता के लिए हम ले रहे हैं अपने संसाधन के लिए अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए ले रहे हैं ।अपनी जीविकोपार्जन में अति आवश्यक चीज समझकर ग्रहण कर रहे हैं तो उसकी कीमत हमें चुकानी है ।इस दृष्टिकोण से उपभोक्ता इमानदार होता था और समय के पूर्व या अंतिम समय तक या अधिक से अधिक पेनल्टी के रूप में गिल्टी फील करते हुए अपने बिजली का बिल जमा करना राष्ट्रधर्म समझता था ।


दिन गुजरते गये ,इसमें गंदी राजनीति घुसती गई कि पांच साल आएगा  तब इस गरीब की भौजाई जो सारे नेताओं की लुगाई होगी और चाहे जैसे इसका मर्दन किया जाएगा। चाहे जैसे  इसे भरी सभा में जुए में हरे द्रौपदी की तरह खुले हाथ लोगों को निशुल्क परोस दिया जाएगा। जिससे धीरे-धीरे लोगों में बिजली को फ्री में पाने की और चुनावी साल में इसके बिल जमा नहीं करने की प्रथा बढ़ती गई । वह समय भी आया जब हर 5 साल बाद अल्टरनेटिंग करंट के सींनुसाइडल  वेव की तरह उतार और चढ़ाव भरे इस समय को किसी तरीके से अपने क्रियाकलापों में बकाया बिजली के बिल वसूली  जैसे कठिन कार्य के रूप में महसूस किया जाने लगा ।डिस्कॉम कंपनियां धीरे-धीरे कम होते स्टाफ और उपभोक्ताओं के बिजली के प्रति तकनीकी रूप से परिपक्वता होने के बाद अब केवल एक ही विकल्प रह गया है की  बिजली कंपनियों की अच्छी सेहत के लिए बिजली बिल की वसूली का काम नहीं कर सकते हैं ।

सागर शहर में चलित विद्युत बिल वसूली का एक वीडियो

मौजूदा सरकार हैं अब इस संबंध में बिजली के निजीकरण पर ज्यादा ध्यान देने लग गई है कि अपने घाटे की पूर्ति और बिजली बिल की वसूली को किसी ऐसे प्राइवेट संस्थानों को देकर अपना हाथ साफ करना चाहती है कि व्यवसायिक प्रतिष्ठान बिजली बिल की वसूली अपने दम पर करें।
 किसी तरह उनका व्यापार चलता रहे वर्तमान में जनजागृति को अपील करने के लिए विगत 10 वर्षों में एक ऐसा ड्रैमेटिक नजारा आए दिन देखने को मिल रहा है जिसमें सर्कस या फुटपाथ में बिकने वाले सामान्य नुमाइश ,तमाशा  की तरह  इन सामानों की तरह गली-गली  लाउडस्पीकर लगाकर गाने बजाकर मुनादी करके लोगों को ऐसा सचेत करना पड़ता है कि बिजली बिल जमा करने की तारीख निकल चुकी है ।लोग अपने संभ्रांत उपभोक्ता होने का परिचय दें  और डिस्कॉम कंपनी के बूढ़े होते हुए कर्मचारियों पर तरस खाए कि बिना खंभे पर चढ़े लाइन काटे उनकी बिजली बिल की अदायगी होकर राजस्व वसूलने का सर्वाधिक तनाव जिस पर नौकरी दांव  में लगी रहती है उसी तरीके से बचाया जा सके।इसी संबंध में यह वीडियो जो अभी आप देख रहे हैं ।
रोशन तुम्ही से दुनिया..... तुम साला मत रहो ऐसी कहावत हो रही है।



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