किन्नर transgender की बद्दुआ लेने से लोग क्यों डरते हैं?
रामायण में कई जगह प्रसंग होता है तुलसीदास जी ने भी रामायण में लिखा है कि इधर से गुजरे जो नर नारी सबको सीताराम हमारी। इसका तात्पर्य है कि नर और नारी के बाद के प्रजाति को अगर कई जगह नजरअंदाज किया जाता है तो मौका मिलने पर उन्हें विशेष आरक्षण भी भगवान के द्वारा दिया जाता है।
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t4unews:-किन्नर की बद्दुआ लेने से लोग क्यों डरते हैं?
हमारे धर्म ग्रंथ रामायण से जुड़ी ये दास्तान हम लोगों को इस संबंध में जोड़कर आज के इस वीडियो में आपको बताना चाहते हैं।
दोस्तों किन्नरों को आपने भिन्न प्रकार के मेकअप करने के बाद पैसे मांगते तो जरूर देखा होगा। इनको हर जगह देखा जा सकता है। ट्रेन के अंदर, बाहर सड़क पर और घर पर भी ये कभी कभी पैसे मांगने के लिए टोल टैक्स पर भी नजर आते हैं। जब भी किसी के घर कोई बच्चा पैदा होता है तो यह वहां पहुंच जाते हैं। इनकी इंटेलिजेंस ब्यूरो टीम गायनिक हॉस्पिटल से खबर लेकर हर उस घर पहुंचती है जहां नए संतान होने की संभावना प्रबल होती है।
ये उस घर से कुछ पैसे लेते हैं और बदले में अपना आशीर्वाद घर में जन्मे बच्चे को देते हैं। ऐसा माना जाता है कि किन्नरों के द्वारा दिया गया आशीर्वाद नवजात शिशु के लिए बहुत शुभ होता है यह उस नवजात शिशु को अपने गोद में लेकर अपनी मोटी मोटी आवाज में खुशी से झूम कर नचाते हैं ताली बजाते हैं और उसकी सफलता और लंबी उम्र की दुआएं देते हैं।इसलिए घर के सदस्य इन लोगों को मोटी रकम दान में देते हैं। कोई कोई 20,000, कोई 50000 और अगर किन्हीं की अधिक सामर्थ्य है तो वे लाखों रुपये भी इन्हें दान दिया करते हैं। कुछ किन्नरों की बात समझी जाए तो यह इस प्रकार के नाचने गाने के बीच ही चेक कर लेते हैं कि बच्चा नवजात बच्चा कहीं इनकी योनि का तो नहीं है? अगर ये एसा पाते हैं तो फिर उस बच्चे को अभिभावक से अपने किन्नर टीम में ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।
ट्रेन में भी आपने देखा होगा कि ज्यादातर लोग किन्नरों को दान देने से मना नहीं करते क्योंकि उन्हें इनके द्वारा दिए गए आशीर्वाद पर भरोसा होता है। इसलिए आजकल इनकी गिरोह और किन्नर बनकर भीख मांगने का पेशा भी बढ़ता जा रहा है। कहते हैं इनकी अपनी एक रेंज और क्षेत्र होता है जैसे बाबू या जंगल के यूनिक जानवरों का होता है यह चलती ट्रेन में इस प्रकार जो मांगने का काम कर रहे होते है वह इन की नियमावली को भंग कर के अपना कार्य करने जैसा होता हैं ।लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है? क्या सचमुच किन्नरों के द्वारा दिया गया आशीर्वाद फायदेमंद होता है?
इससे जुड़ी एक कथा रामायण में मिलती है।
जब भगवान श्री राम वनवास जा रहे थे तो अयोध्या की सारी प्रजा उनके साथ वनवास जाने लगी थी लेकिन भगवान राम ने सभी नारी नारी से वापस लौट जाने को कहा था। सभी नर नारी अपने-अपने घर वापस चले गए थे और भगवान राम वनवास में अपना कार्य कल काटने चले गए थे सरयू नदी के उस पार।
लेकिन जब श्री राम 14 वर्षों के बाद वनवास से वापस आए तो उन्होंने देखा कि सभी नर नारी तो उनके कहने पर 14 वर्ष पहले अपने घरों में वापस चले गए थे लेकिन जो नर और नारी की श्रेणी में नहीं आते थे अर्थात किन्नर 14 वर्षों से वहीं पर खड़े थे। क्योंकि प्रभु की आज्ञा के अनुसार नर और नारी के बाद उनका जो नाम या संज्ञा आता है उस पर प्रभु ने कोई निर्देश या टिप्पणी नहीं की थी इसलिए वह प्रभु का आदेश मानकर 14 वर्ष तक वहां तपस्या करते खड़े रहे थे ऐसी जन मानना है।उनकी दृढ़ता देख प्रभु श्री राम ने प्रसन्न होकर उनको आशीर्वाद दिया। भगवान श्री राम ने कहा कि आज से किन्नरों के द्वारा दिया गया आशीर्वाद कभी विफल नहीं होगा। यह जिस किसी को जो भी आशीर्वाद देंगे वह जरूर फलित होगा।
रामायण में कई जगह प्रसंग होता है तुलसीदास जी ने भी रामायण में लिखा है कि इधर से गुजरे जो नर नारी सबको सीताराम हमारी। इसका तात्पर्य है कि नर और नारी के बाद के प्रजाति को अगर कई जगह नजरअंदाज किया जाता है तो मौका मिलने पर उन्हें विशेष आरक्षण भी भगवान के द्वारा दिया जाता है।
किन्नरों को कभी दुखी क्यों नहीं करना चाहिए
वहीं पर शास्त्रों में बताया गया है कि किन्नरों को कभी भी दुखी नहीं करना चाहिए क्योंकि इनके द्वारा दी गई बद्दुआ से व्यक्ति के भाग्य में परिवर्तन आ सकता है। ऐसा बताया गया है कि किन्नरों की बद्दुआ से व्यक्ति की जन्म कुंडली का बुद्ध ग्रह कमजोर हो जाता है जिससे आगे चलकर उसकी शादी में रुकावट आती है, उनका व्यवसाय बाधित होता है और धन की तंगी इन्हें झेलनी पड़ती है।
किन्नर और बुद्ध ग्रह का सीधा संबंध है। किन्नर भी नपुंसक होते हैं और जन्म कुंडली का बुद्ध ग्रह भी नपुंसक होता है। शास्त्रों के अनुसार अगर आप किसी किन्नर को दुखी करेंगे तो आपके बुध ग्रह पर इसका सीधा असर पड़ेगा। जन्म कुंडली में बुध ग्रह का सीधा सीधा असर लोगों की पढ़ाई लिखाई और बाद में जीविका के सम्बन्ध से जाने वाले आय से संबंध होता है।
किन्नरों का आशीर्वाद शादी में आ रही रुकावट को दूर करने के लिए कारगर
शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि अगर किसी की शादी में रुकावट आ रही है तो वह किन्नरों के द्वारा दिए गए आशीर्वाद से इन रुकावटों को दूर कर सकता है। यहां तक कि धन की तंगी से भी किन्नरों के आशीर्वाद के द्वारा छुटकारा पाया जा सकता है।
अगर किसी के बच्चों की शादी नहीं हो रही है या उसमे रुकावट आ रही है तो ज्योतिष शास्त्र में इसका एक उपाय बताया गया है जो किन्नरों के आशीर्वाद से जुड़ा है। उपाय यह है कि अगर किसी के बच्चों की शादी नहीं हो रही है तो उसे बुधवार के दिन अपने घर पर किसी किन्नर को बुलाना चाहिए और उसे श्रृंगार की सामग्री देनी चाहिए।
श्रंगार की सारी सामग्री हरे रंग की होनी चाहिए। सामग्री देने के बाद उस व्यक्ति को चाहिए कि अपने बच्चों से किन्नर के पैर छूने के लिए कहे। ऐसा करने पर अगर वह किन्नर उसके बच्चों को आशीर्वाद दे देता है तो निश्चित रूप से उनकी शादी में आ रही रुकावट दूर होगी।
धन की तंगी दूर करने के लिए किन्नरों का आशीर्वाद लाभकारी होता है।
अगर कोई धन की तंगी से जूझ रहा है और इससे छुटकारा पाना चाहता है तो शास्त्रों में इसके लिए एक उपाय बताया गया है जो है किन्नरों का आशीर्वाद लेना चाहिए। अगर कोई धन की तंगी से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे बुधवार के दिन किसी किन्नर को दान अवश्य देना चाहिए। अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान देना चाहिए।
इन्हें दान देने के बाद उसे किन्नर से ₹1 का सिक्का मांग लेना चाहिए। किन्नर से लिया गया वह ₹1 का सिक्का उसे अपनी तिजोरी में रख देना चाहिए और फिर इस उपाय को करने के बाद उसकी तिजोरी कभी खाली नहीं होगी।
अतिक्रमण करते हुए किन्नर और पतन की ओर अग्रसित हो जाते हैं
कभी-कभी कुछ नकली किन्नर जब बहुत ज्यादा कुपित हो जाते हैं उन्हें उनके मन मुताबिक दान नहीं मिलता है तो वह अपने शरीर का वह अंग कपड़ा उठाकर लोगों के सामने अश्लीलता से प्रदर्शित भी कर देते हैं। यह उस किन्नर की धृष्टता कहीं जाए या डराने धमकाने का तरीका जो सामने वाले व्यक्ति को भयभीत कर देती है ।इसके माध्यम से वह यह बताना चाहते हैं कि तुम शारीरिक रूप से पूरे हो फिर भी कुछ नहीं कर पा रहे हो और हम आधे हैं फिर भी तुमसे हम कुछ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। ऊपर वाले से डरो और हमें कुछ ज्यादा दान दक्षिणा दो ।इस प्रकार से अतिक्रमण करते हुए किन्नर और पतन की ओर अग्रसित हो जाते हैं जो उनको इस जीवन में नरक का गामी बनाता है ।उन्हें क्रोध में और स्वार्थ में सामने वाले की समस्या ,मजबूरी या आर्थिक तंगी नजर नहीं आती है और वह इस गरीबी में भी उस शख्स को अपनी धर्मांध भावनात्मक भय दिखाकर प्रताड़ित करने का जो प्रयास करते है जो गलत होता है। ऐसे समय पीड़ित जातक को अगर कुछ गलत या छोभ व्यक्त हो तो बुध ग्रह के निदान से संबंधित कार्यवाही करते हुए इसका समन करा लेना चाहिए। जिससे कि उसे किसी प्रकार की मानसिक व्यथा ना रहे।
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