दुष्कर्म के आरोपी आरक्षक को बचाने में टीआई पर भी संदेह, सिविल सर्जन को हटाया
पुलिस ने ठोस सबूतों को नहीं किया जब्त दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पुलिस कितनी संजीदा है, यह इसी से पता चलता है कि पुलिस ने पांचवें दिन भी आरोपी बलराम के सीमेन स्लाइड, अंडरवियर और प्यूबिक हेयर को जब्त नहीं किया है, जबकि इन्हीं सबूतों के आधार पर आरोपियों को कोर्ट से सजा मिलती।

t4unews: पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही युवती से दुष्कर्म के आरोपी आरक्षक अजय को बचाने के मामले में मंगलवार को एक और खुलासा हुआ है। अजय को बचाने में न केवल उसके आरक्षक दोस्त, बल्कि नीलगंगा थाने के टीआई रवींद्र यादव भी संदेह के घेरे में हैं। इसकी वजह ऑन ड्यूटी डॉक्टर दिवाकर पर दबाव बनाना माना जा रहा है। मामले में एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने कहा कि डॉक्टर भी अपनी जगह सही हैं। उन्हें लगा होगा कि पुलिस कहीं गलत काम तो नहीं करा रही लेकिन कार्रवाई पूरी तरह से निष्पक्ष है। सूत्रों की मानें तो बलराम के सीमन (वीर्य) देने के बाद जब डॉ. दिवाकर और एसआई हेमलता के हस्तक्षेप से मामले का खुलासा हुआ, तो थोड़ी देर बाद नीलगंगा टीआई रवीन्द्र यादव भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने पहले मामले को समझा। इसके बाद टीआई यादव ने डॉ. दिवाकर पर दबाव बनाने लगे। डॉक्टर से बहस भी की। बोले, आप तो लिखित में दे दो कि इन्होंने (तबरेज, घनश्याम) शासकीय कार्य में बाधा की है। डॉक्टर ने जवाब दिया कि फर्जी आदमी यहां खड़ा हुआ है। आप मुझसे बोल रहो कि लिखित में दे दूं। आपने मुझे पागल समझा है। आप दबाव नहीं बना सकते। ये बंदा (बलराम) अंदर आया कैसे। उन्होंने कहा कि मैडम टू स्टार हैं। स्टार ऐसे लग जाते हैं क्या? डॉक्टर ने टीआई से कहा कि मैं शासकीय कार्य में बाधा लिखकर नहीं दूंगा। शासकीय कार्य में बाधा का मामला आपके थाने से होना चाहिए। अस्पताल में आकर नहीं होगा। इतनी बहस के बाद डॉक्टर दिवाकर ने जब लिखित देने से मना कर दिया, तो आरक्षक तबरेज और घनश्याम को गिरफ्तार किया गया। इधर, टीआई रवींद्र यादव का कहना है कि मैंने डॉक्टर से कहा कि आप लिखित शिकायत करो, तो मैं इस मामले में शासकीय कार्य में बाधा की धारा भी बढ़ा देता हूं। पुलिस ने ठोस सबूतों को नहीं किया जब्त दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पुलिस कितनी संजीदा है, यह इसी से पता चलता है कि पुलिस ने पांचवें दिन भी आरोपी बलराम के सीमेन स्लाइड, अंडरवियर और प्यूबिक हेयर को जब्त नहीं किया है, जबकि इन्हीं सबूतों के आधार पर आरोपियों को कोर्ट से सजा मिलती। ये सबूत डॉक्टर दिवाकर ने अपने पास जब्त कर रखा है। उनका कहना है कि अब तक पुलिस ने उनसे बलराम के सीमन स्लाइड आदि नहीं लिया। इसके लिए सिविल सर्जन को उन्होंने पत्र भी लिखा है। सिविल सर्जन मरमट पद से हटाए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. महेश मरमट को कलेक्टर आशीष सिंह ने पद से हटा दिया। उनके स्थान ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ पीएन वर्मा को चार्ज दिया गया है। माना जा रहा है कि डॉ मरमट इसी मामले में हटाए गए हैं, लेकिन अस्पताल सूत्रों का कहना है कि उन्हें पूर्व में नर्सों की ओर से की शिकायतों के कारण हटाया गया है।
Source Dainik Bhaskar
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