अभी मेरी उम्र ही क्या है भाग 2 उपन्यास
रोमांस में समय काफी चाहिए ऐसा मानना है आजकल के युवा पीढ़ी का। शादी के बाद तो केवल बाल बच्चे और गृहस्ती के चूल्हा चक्की में व्यस्त रह जाते है लोग उससे बचने के लिए केवल मिलना जुलना और मौज मस्ती धींगा मस्ती में अपने यौवन को गुजारना चाहते हैं ऐसे ही 2 युवाओं की धड़कन की कहानी कबीर और समीरा की रवानी जो हर पल को उतार-चढ़ाव में जीना चाहते हैं। पर समाज की रीति रिवाजों के बंधन को जानते समझते हुऐ किस अधिकतम सीमा को पार कर जाते हैं पढ़िए इस उपन्यास में
t4unew : अभी मेरी उम्र ही क्या है भाग 2 उपन्यास
Continued......
भाग दो _मुझे अभी शादी नहीं करनी...
शाम के समय लोगों को घूमने करने और समय पास करने का होता है। धीरू के पान के दुकान से 500 मीटर दूर है एक पार्क था जहां लोग टहलने के लिए शाम को इकट्ठा होते थे ।लेकिन जो लोग धीरू के दुकान के पास से गुजरते,वहां सिगरेटियो के छोड़े गए धुवों के छल्लो से कार्बन डाइऑक्साइड को दूर करने के लिए अपने नाक को ढक लेते थे क्योंकि धुए से ज्यादा धुए में सिगरेट की गंध होती थी इस बात से खबर दार होते हुए लोग सिगरेट पीते पीते टहल कदमी भी लग जाते थे।
कबीर भी अपनी सिगरेट सुलगा कार पार्क की ओर निकल गया अचानक उसे लगा किसी ने उसे थपथपाया आया है। पलट कर देखा तो उसका दोस्त सलीम था जो हंस रहा था क्यों भाई आज जल्दी कैसे आ गया?
कुछ नहीं यार आज बस जल्दी मिल गई और मैं सब्जी मार्केट जाने से पहले सोचा पहले मूड फ्रेश कर लूं। और तू बता तू यहां कैसे?
सलीम बोला हां यार परसों जब मैं तुझसे मिला था तो मैंने कहा था ना कि कुछ कोर्ट कचहरी का लफड़ा है मेरे बुआ के लड़के के साथ वकील ने कहा कहा कि यही पार्क में मिलेगा और कुछ बातें उससे करनी थी क्योंकि मेरे बुआ का लड़का मेरा भाई रहमान एक लड़की वाले मामले में फंस गए हैं और सुनने में आ रहा है की लड़की उस पर केस करने जा रही है ।उससे बचने के लिए कुछ सलाह लेनी थी। वकील अभी नया है पर जिस का शागिर्द है वह बहुत अच्छा केस जीता है।
सलीम ने हाथ हिला कर आने वाले एक शख्स से अभिवादन किया जो सफेद शर्ट और पैंट पहना हुआ था। वह शख्स जो वकील था अपना स्कूटर पार्क करते हुए बोला हेलो र...रहमान ......?
नहीं मैं सलीम हूं जैसा कि मैंने आपको बताया था ... रहमान थोड़ी देर से आएगा। क्योंकि वह भी डरा हुआ है आप से मुझे बात करनी थी क्या आप उसका केस ले सकते हैं?
हां शार्ट में समझाओ मुझे मामला क्या है?
सलीम बोला वह जितना रहमान ने मुझको बताया है वह ऐसा है कि...रहमान का चक्कर कुछ दिन से कुछ महीनों से .......नहीं कुछ सालों से उसके ऑफिस में है काम करने वाली है एक लड़की के साथ चल रहा था। वो लोग साथ घूमने भी जाते थे और कभी-कभी देर रात तक होटल में भी रुकते थे ।ऐसा काफी दिन से चल रहा था। क्या नाम बताया था उस लड़की का ...क्या नाम उसका.... हां...मीना हां ।उसके भाई ने उसको एक दिन साथ साथ देख लिया। उसके दूसरे दिन से उनके घर में कोहराम शुरू हो गया और फिर एक के बाद एक नाटक होना शुरू हो गया ।अचानक एक मीना ने बताया कि वह पेट से है और वो उससे शादी कर ले नहीं तो उसके घर वाले उसकी जबरदस्ती कहीं और शादी करेंगे।
शादी की बात सुनकर रहमान घबरा गया ।क्योंकि पैसे वह बहुत खर्चा कर सकता है लेकिन अपने जीवन में किसी को इतनी जल्दी गले की घंटी नहीं बनाना चाहता था ।इसलिए वह मीना को एक महीना तक टरकाता रहा। फिर जैसे उन लोगों में पहले से अंडरस्टैंडिंग थी ,प्रोटेक्शन से काम करते थे ।कोई लफड़ा होने का नहीं था ।मगर फिर अचानक इससे प्रॉब्लम के लिए रहमान तैयार नहीं था ।उसने दो टूक शब्दों में बोल दिया कि मीना मुझे शादी नहीं करना है ।मेरे अम्मी अब्बा तुमको बहू के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
तब से मीना को यह बातआग जैसे लग गई और वह अपनी सहेली रुबीना जो कभी रहमान को लाइन देती थी। उसके बहकावे में आकर अपने भाई के साथ रहमान को टसल देने लगी , कि जल्दी शादी कर लो नहीं तो अंजाम भोगने को तैयार रहो ।हम तुम पर हरासमेंट का और रेप का केस लगाएंगे।
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वकील त्रिपाठी ने कहा हूं तो यह बात है ,मेरी मुलाकात रहमान से कब करा सकोगे? मुझे कुछ इंटरनल बाद भी उसे पूछना है। सलीम बोला हां जरूर आप कहो तो मैं उसे अभी बुला लूं। आधा घंटा का समय चाहिए। वह छुपते छुपाते आएगा क्योंकि उसके पीछे उसके भाई ने कुछ गुंडे से लगा कर रखे हैं और पुलिस को भी खिला पिला दिया है के उसको एक बार थाने ले जाकर हड़का दो ।इसलिए अभी वह फरार जैसे में है।
वकील त्रिपाठी मुंह में राजश्री डालते हुए बोला कोई बात नहीं मैं उसको अपने ऑफिस बुला लूंगा। नई नई वकील साहब वह आपके ऑफिस भी नहीं आ पाएगा ।जब वह कंफर्म हो जाएगा तब मैं उसको छुपाकर आपके पास लाऊंगा आप टाइम बता दो।
वह भी कल नहीं आज बताओ क्योंकि उसको एंटीसिपेटरी लेना है और वह जानता है कि उसके पीछे लोग पड़े हैं इसलिए जल्दी कुछ करो वकील साहब।
बात तय हो गई रात के 9:30 से 10:00 के बीच कारवां ढाबा में मिलने की बातें हो गई थी ।
चलेगा न दोस्त मेरे साथ... सलीम ने कबीर से पूछा वैसे तो कबीर के पास और भी कई काम थे लेकिन ऐसी मजबूरी देखकर उसने हा हा हा कर के सर हिला दिया।
बच्चों के पार्क में खेलने से हो रही कोलाहल के बीच कबीर की और रहमान का युवान दब गया था आज सलीम रहमान के किस्से जब वकील को बता रहा था उस समय कबीर कुछ सहमा हुआ था। जैसे कि वह सब कुछ उसके साथ भी घट रहा है क्योंकि सतर्कता भी एक सफल जीवन की निशानी है ।व्यक्ति जो दूसरों को गलती करता देखकर सीख जाए उसे धोड़ा कहते हैं। बाकी जो गलती कर सीखता है उसे खच्चर कहा जाता है।
लोग शादी को भी इसी प्रकार का लड्डू मानते हैं कि जो खाए वह पछताए जो न खाए वह भी पछताए कबीर का घर वापस लौट कर कुकिंग करना अनिवार्य काम था ।लेकिन आज के सलीम और उसके भाई के प्रसंग के कारण वह आज का खाना होटल में खा लेने का मन बना चुका था। क्योंकि आज मुस्लिम के चक्कर में फस गया था समय ज्यादा हो गया था इसलिए सलीम को गुड बाय क्या कर अपने घर को हो लिया जहां से उसे खाना खाने के लिए होटल जाना था।
कबीर को बुलेट चलाने का बहुत शौक था जब भी मौका मिलता था वह बुलेट लेकर यूं ही हवा के शेयर करने के लिए निकल पड़ता था ।कम एवरेज देने वाली शान की सवारी नई पीढ़ी की जोश ए जुनून को बयां करने के लिए काफी होती है और विपरीत योनि के लोग अपने हम उम्र लोगों में इसी प्रकार का एडवेंचर जोश ए जुनून देखना पसंद करते हैं ।कबीर उस दिन मार्केट से निकलकर जब मोहाल दो की तरफ जा रहा था उस दिन रविवार का दिन था चारों ओर सुबह के समय शटर दुकानों के बंद थे। इसलिए कुछ कम भीड़ होने के कारण वह धन धन आते हुए रोड क्रॉस कर रहा था पर चला जा रहा था उसी समय रोड क्रॉस करते हुए एक लड़की अचानक उसके बुलेट के टक्कर से बचती हुई जोरो की चीख के साथ चिल्लाई।
अंधे क्या हवाई जहाज चला रहा है जो रोड पर इतना तेजी से कट मार कर बुलेट चला रहा है?
कबीर पलट कर देखा
अरे तुम तुम तो वही होना जो मुझे पिछले हफ्ते बस में मिली थी। क्या नाम बताया था हां ...नगमा ...नहीं सलमा ...नहीं समीरा
माफ करना.... कहीं लगी तो नहीं ?
कबीर ने गाड़ी पर चढ़े चढ़े ही कहा।
ओहो तो आजकल बुलेट की सवारी चल रही है समीरा ने कहा और समीरा के साथ उसकी फ्रेंड रूबी भी थी।
रूबी ने पूछा कौन है कि क्या तुम से पहले से जानती हो
हां हां 1 दिन बस पर हम लोग मिले थे बस और कुछ नहीं...
लड़का लगता तो जोरदार है उसने समीरा पर धीरे से चिकोडी काटी।
हां ऐसे ही कुछ मीठा सा लगता है बाकि आगे आप नहीं जानती।
कबीर तब तक गाड़ी से उतर गया और बोला :आप यहां नहीं रहती है क्या? पहले भी आपने बताया था मुझे याद नहीं था ।
हां तो रहती हूं आप से मतलब ?
कुछ नहीं आपसे तो बात करना गुनाह है ।
उसकी बेरुखी देखकर कबीर फिर से गाड़ी की ओर जाने लगा ।
अरे सुनो मेरा मतलब यह नहीं था समीरा ने अपनी बात को मेकअप किया। अगर मुझे कुछ हो जाता तो?
हो जाता तो बहुत कुछ हो जाता। हम आपके गुनाहगार हो जाते
और हमें कभी कभी मिलने के बजाय रोज रोज मिलना होता हॉस्पिटल में हा हा हा..
इस मामले में है कबीर पहुंच जाऊंगा शख्स था मैं जानता था कि लोहे पर इंप्रेशन बनाना है तो पहले लोहा को गर्म करना होता है फिर उसे किसी कठोर ठंडे सतह से लगाकर यानी कि लॉग लगाकर फिर ऊपर इंप्रेशन मारा जाता है ।इस समय उसे समीरा की दोस्त रूबी एक ठंडी सतह लग रही थी जो चुपचाप इनकी ओर देख रही थी। आप कौन मैं आपसे पहली बार मिल रहा हूं लेकिन लग रहा है कि आप मेरी गाड़ी के नीचे नहीं आ पाई ।उसके दो अर्थी बात को समझ कर रूबी मुस्कुराई और बोली शायद हम पहली बार मिल रहे हैं ।एक्सीडेंट होते होते ही सही लेकिन कुछ हो जाए हो जाए ।
पास के रेस्टोरेंट को दिखाते हुए उन्होंने चाय की तरफ इशारा किया।
जवाँ मन कुछ होता है इस प्रकार का है कि उसे नए नए लोगों से मिलने का मन करता है और सभी प्रकार के पकवान व्यंजन पर टेस्ट मारने को मन करता है ।इसलिए चाहे वह लड़की हो या लड़का अगर थोड़े खुले विचारधारा का हो तो दोनों में से किसी भी तरफ से सिग्नल फ्रीक्वेंसी आने जाने लग जाती है क्योंकि इसी का नाम जवानी और रवानी होता है ।कोई कितना भी बुझा क्यों ना हो अगर पास में कोई चिराग जल रहा है तो उसकी गर्मी और रगड़ से वह भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है।
यह इत्तेफाक ही था के जिन से जिनको मिला ना होता है उसे कुदरत और भाग्य दोनों किसी न किसी रूप से मिलाने के लिए मौका देती है चाहे वह गर्मी के बाद पहली बरसात के आगमन में पपीहे को बाहर निकलने का आगमन हो या मेंढक को जमीन की गर्मी से बाहर आने को कुछ ना कुछ ऐसा घटता ही रहता है कि लोग मिलते हैं बार बार मिलते हैं और कुछ ना कुछ आगे होता रहता है।
एक छोटी सी चाय पार्टी और हंसी मुलाकात बीच धीरे धीरे कबीर और समीरा के बीच नजदीकियां बढ़ती गई और कुछ ऐसा बढ़ता गया की बस और इत्तेफाक की मुलाकात अब रोजाना की बात चैटिंग और रात की कॉलिंग पर आ चुकी थी। एसी मिलन को ही लोग कहते हैं कि कहीं उन्हें कुछ हो तो नहीं गया था?
अब तो ऑफिस के बाद हमेशा क्या करना है, क्या पहनना है ,कहां बैठना है और कौन सी नई बात पर जिक्र करना है? इस पर कबीर को सोचते रहना पड़ता था ।
कुछ वही हाल समीरा का भी था।
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सलीम और रहमान के साथ कभी को त्रिपाठी वकील के पास अपने दोस्त के साथ देने के लिए रात को पहुंचने का जो प्रोग्राम हुआ था उसे रहमान के द्वारा दूसरे दिन के लिए टाल दिया गया था। पता चला था कि पुलिस का कोई मुखबिर रहमान के ऊपर नजर रख रहा है। इसलिए बात दूसरे दिन की रात को जगह बदल कर तय कर लिया गया था। कबीर इस बात के लिए तैयार था कि उसे जब कॉल आएगा उसके पहले उस जगह पर पहुंच जाएगा। शाम को समय से 15 मिनट पहले जब कबीर और सलीम निर्धारित किए गए वेन्यू ईगल बार और रेस्टोरेंट में पहले से जाकर बैठ गये थे । थोड़ी देर बाद रहमान हॉल में आया चारों तरफ नजरें फेरकर वाशरूम टॉयलेट में चला गया। वहां से कॉल करके बाहर निकला तब तक उसका चचेरा भाई यासीन भी आ चुका था ।
त्रिपाठी वकील साहब ने कहा.. हां तो भाई ....बताओ क्या सीन था ?
यासीन ने गहरी सांस लेकर कहां जितनी भी बातें आपको रहमान ने बताई है वह सोलह आने सही है।
वकील त्रिपाठी ने बोला यह जनाब कौन है ?
रहमान बोला यह यासीन है ,रुबीना का दोस्त।
रुबीना बोले तो मीना का दोस्त और मीना बोले तो मेरी एक्स गर्लफ्रेंड, यानी कि हम सब दोस्तों के दोस्त हैं ।एक्सचेंज में रहते हैं।
यह एक्सचेंज क्या है भाई क्या चिल्लर जैसा बांटते रहते हो वकील ने व्यंग किया। नहीं वकील साहब मौज मस्ती के लिए थोड़ा डिस चेंज करते रहते हैं इसलिए सर्किल बनानी पड़ती है।
ओ हो तो यह मौज मस्ती का तड़का है। जब इतनी अंडरस्टैंडिंग है तो फिर उस समस्या कहां पैदा हो जाती है भाई ?
इस बार रहमान सीरियस होकर बोला दरअसल बात है दिल्लगी की। दिल्लगी दिल्लगी में दिल लग गया मेरे को मीना से। मेरे को मीना ना दिल से अच्छी लगने लग गई।पहले
मैंने केवल फ्रेंडशिप निभाने के लिए दोस्ती की और धीरे-धीरे बात आगे बढ़ गई। मैं अफसोस करता हूं कि मुझको अब शादी कर लेना चाहिए क्योंकि मैंने बहुत गलती कर लिया है।अय्याशी और बटेर बाजी करके ज्यादा दिन चलाया नहीं जा सकता 1 दिन पावर खत्म हो जाता है और घर और बच्चे अच्छे लगने लगते हैं।मैं तो आज भी उसके साथ शादी बनाना मांगता हूं घर बसाना चाहता हूं पर मीना के दिमाग में तो पैसे का हवस है वह कोई बात नहीं सुनना चाहती और अजीबोगरीब शर्त करती है कि पहले अपने बूढ़े मां बाप को भी घर से तुरंत निकालो तब मैं तुमसे शादी बनाऊंगी ।कहती है और यदि मैं यह नहीं करता हूं तो मुझको मेरे पुराने फोटो एडिटर और वीडियो दिखाकर इसके बदले में मेरी जीवन को तबाह कर दूंगी।एक करोड हर्जाना मांग रही है। या फिर झूठे 376 केस में फंसा कर जेल में सड़ाना चाहती है। मेरे को उसके चंगुल से छूटकारा दिलवाओ साहब मैं बहुत बुरा फंस गया हूं ...... रहमान रूवासा होकर बोला ।
त्रिपाठी बोले तो झूठ बोलकर पहले शादी कर लो उससे फिर इस कंडीशन पर ससूरी को फंसा देंगे हरासमेंट के केस लेकिन पहले तुम ये फैसला तो करो कि क्या उस छप्पन भोग को अपने घर का भोजन बना पाओगे
वकील साहब ऐसा मत बोलो वह छप्पन भोग नहीं छप्पन छुरी है मेरे लिए। रहमान की दलीले सुन कर कबीर को एहसास हो रहा था की डूबने तैरने के इस खेल में केवल भूल भुलैया है झुल्झुलाईया भी है।
त्रिपाठी वकील ने कहा , ठीक है निपटा देंगे आप वकालतनामा पर साइन कर दे और मेरी फीस ₹5000 एडवांस में दे दे।
इधर कबीर सोच रहा था कि मां-बाप का जीवन में कितना योगदान होता है ।लोगों को आगे बढ़ाने और लायक बनाने में। लेकिन छोटी सी इस अहम चीज के लिए लोग उस पूरे जीवन भर के एहसान को भूल जाते हैं । काम क्रोध लोभ मोह में पहला काम ही काम का हो जाता है। पिछले हफ्ते कबीर की मां का कॉल आया था बेटा आजकल तुम्हारे पिता की तबीयत कुछ ज्यादा नहीं रहती डॉक्टर ने उन्हें ब्लड प्रेशर डायबिटीज का पेशेंट बताया है। साथ ही साथ एंजो प्लास्टिक करने के लिए भी सलाह दी है क्योंकि पहले भी कुछ ऐसे ही दर्द की समस्या उन्हें आई थी तो कबीर ने कहा था चिंता मत करो मां मैं कुछ व्यवस्था करके भेजता हूं।
रहमान वकील और वहां की बातों के बीच न जाने कब कबीर अपने घर की याद हर बातों में खो गया कि सलीम को उसे टोकना पड़ा कहां खो गए हो?
रात के 11:00 बज गए थे खाने-पीने चखने की व्यवस्था पूरी होने के बाद रहमान को बेटर ने बिल पेश किया और सभी लोग वहां से उठने को हुए।
उधर समीरा के घर में
समीरा की मां ने कहा कि क्या बात है बेटा आजकल बहुत शॉपिंग हो रही है पूरी तनख्वाह क्या शॉपिंग में उड़ा दोगी?
समीरा बोली आजकल कुछ ज्यादा ओवरटाइम मिल रहे हैं इसलिए मिल जाती है ज्यादा एडवांस और सैलरी। आप चिंता मत करो मम्मी घर का खर्च तो वैसे भी बंटी भैया देख ही लेता है ।पापा की पेंशन भी इतनी मिल जाती है कि राशन का काम तो हो ही जाता है और फिर अपने मकान के किराए से भी तो हमारे घर की जरूरत पूरी हो जाती है। थोड़ा बहुत बबली का खर्च है तो वह मैं उठाती ही हूं।
मंहगाई सुरसा डायन की तरह लोगों की जरूरतों को बढ़ते हुए देखकर अट्टहास करती है कि जितनी ज्यादा पैर फैलाओगे मुझे उतना ज्यादा ही पाओगे।
डियो बहुत तेज सुगंध से पूरा वातावरण खुशबू से भर गया था। अरे वाह दी कब लाइ ये नई वाली डिओ आप? कसम से जा मैं इसे सूंघती हूं तो मेरे अंदर की रूह उड़ने लगती है। आपकी पिछले वाले डी होने दो मेरे दो-तीन दोस्त और बढ़ा दिए थे कसम से...
हां ठीक है ठीक है तू ज्यादा मेरे डिओ मत लगाया कर।
कसम से दीदी आप बहुत सुंदर हो बबली ने मस्का लगाया।
जब आप डिओ लगाकर निकलती हो तो आपके पीछे कई लोग आशिक हो जाते होंगे है ना?
बबली अपने काम से मतलब रखा कर और हां तेरा बर्थडे परसों आ रहा हैं तो मैं तुझे समझ लूंगी ।
सरप्राइस गिफ्ट पक्का ठीक है।
थैंक्यू दी माइग्रेट दी ...बबली ने एक प्यारा सा किस समीरा के गाल पर जड़ दिया।
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